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जनवरी, 2014 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

विशेष

गजल: लगाबऽ दाउ पर पड़ै परान बन्धु

लगाबऽ दाउ पर पड़ै परान बन्धु मनुष बनै तखन सफल महान बन्धु बड़ी कठिनसँ फूल बागमे खिलै छै गुलाब सन बनब कहाँ असान बन्धु जबाब ओकरासँ आइ धरि मिलल नै नयन सवाल केने छल उठान बन्धु हजार साल बीत गेल मौनतामे पढ़ब की आब बाइबल कुरान बन्धु लहास केर ढेरपर के ठाढ़ नै छै कते करब शरीर पर गुमान बन्धु 1212-1212-1212-2 © कुन्दन कुमार कर्ण

गजल - नेहक झूठ आश नै दिअ

नेहक झूठ आश नै दिअ धरती बिनु अकाश नै दिअ हो अस्तित्व नै हमर जतऽ तेहन ठाम बास नै दिअ अनहारे रहत हमर हिय ई फुसिकेँ प्रकाश नै दिअ हम छी जाहिमे बसल नै से बेकार सांस नै दिअ नै चाही सिनेह एहन जिनगीमे हतास नै दिअ मात्रा क्रम : 2221-2122 (मफऊलात–फाइलातुन) © कुन्दन कुमार कर्ण

गजल - हमरा देखिते ओ लजा गेलै

हमरा देखिते ओ लजा गेलै जादू नेहकेँ ओ चला गेलै भेलै कात नै ई नजरि कनियो चुप्पे चाप नैनसँ बजा गेलै रहितो दूर देहसँ हमर जे ओ छातीमे बुझायल सटा गेलै अनचिन्हार छल ओ मुदा एखन सदिखन लेल अप्पन बना गेलै कुन्दन केर ओ मानिकेँ जिनगी कोमलसन हियामे बसा गेलै मात्रा क्रम : 2221-2212-22 © कुन्दन कुमार कर्ण

भक्ति गजल - आइ लव यू शिव

आइ लव यू शिव हियसँ बाजू शिव मोन मन्दिरमे सभ सजाबू शिव गीतमे सदिखन मात्र गाबू शिव भक्ति घट घटमे भजि जगाबू शिव एक नारा बस नित लगाबू शिव मात्राक्रम : 2122-2 © कुन्दन कुमार कर्ण मैथिली भक्ति गजल