लगाबऽ दाउ पर पड़ै परान बन्धु मनुष बनै तखन सफल महान बन्धु बड़ी कठिनसँ फूल बागमे खिलै छै गुलाब सन बनब कहाँ असान बन्धु जबाब ओकरासँ आइ धरि मिलल नै नयन सवाल केने छल उठान बन्धु हजार साल बीत गेल मौनतामे पढ़ब की आब बाइबल कुरान बन्धु लहास केर ढेरपर के ठाढ़ नै छै कते करब शरीर पर गुमान बन्धु 1212-1212-1212-2 © कुन्दन कुमार कर्ण
दुख केर मारल छी ककरा कहू
केहन अभागल छी ककरा कहू
© कुन्दन कुमार कर्ण
केहन अभागल छी ककरा कहू
हम आन आ अप्पनकेँ बीचमे
सगरो उजारल छी ककरा कहू
नै जीत सकलहुँ आगू नियतिकेँ
जिनगीसँ हारल छी ककरा कहू
बनि पैघ किछु नव करऽकेँ चाहमे
दुनियाँसँ बारल छी ककरा कहू
कुन्दन पुछू संघर्षक बात नै
दिन राति जागल छी ककरा कहू
मात्राक्रम : 221-222-2212
सगरो उजारल छी ककरा कहू
नै जीत सकलहुँ आगू नियतिकेँ
जिनगीसँ हारल छी ककरा कहू
बनि पैघ किछु नव करऽकेँ चाहमे
दुनियाँसँ बारल छी ककरा कहू
कुन्दन पुछू संघर्षक बात नै
दिन राति जागल छी ककरा कहू
मात्राक्रम : 221-222-2212
© कुन्दन कुमार कर्ण
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