लगाबऽ दाउ पर पड़ै परान बन्धु मनुष बनै तखन सफल महान बन्धु बड़ी कठिनसँ फूल बागमे खिलै छै गुलाब सन बनब कहाँ असान बन्धु जबाब ओकरासँ आइ धरि मिलल नै नयन सवाल केने छल उठान बन्धु हजार साल बीत गेल मौनतामे पढ़ब की आब बाइबल कुरान बन्धु लहास केर ढेरपर के ठाढ़ नै छै कते करब शरीर पर गुमान बन्धु 1212-1212-1212-2 © कुन्दन कुमार कर्ण
चान दर्शनके लोलसा जागल घोघ उघारू प्रिय
राति पूनमके छै निहोरा नै आइ नकारू प्रिय
छल पिआसल ई मोन लिअ ने छातीसँ सटा हमरा
आश पूरा मिलनक करू दुन्नू हाथ पसारू प्रिय
फूल झाँपल पत्तासँ शोभा फुलबारिक नै दै छै
माथ परके चुनरी गुलाबी आस्तेसँ ससारू प्रिय
प्रेम जीवन प्रेमे जगतमे रहि जाइ अमर छै ये
सात जन्मक संगी बना परमात्माक पुकारू प्रिय
राति पूनमके छै निहोरा नै आइ नकारू प्रिय
छल पिआसल ई मोन लिअ ने छातीसँ सटा हमरा
आश पूरा मिलनक करू दुन्नू हाथ पसारू प्रिय
फूल झाँपल पत्तासँ शोभा फुलबारिक नै दै छै
माथ परके चुनरी गुलाबी आस्तेसँ ससारू प्रिय
प्रेम जीवन प्रेमे जगतमे रहि जाइ अमर छै ये
सात जन्मक संगी बना परमात्माक पुकारू प्रिय
नै पुछू लागैए मजा केहन नैन मिला कुन्दन
तीर नैनक सोझे करेजा पर मारि निहारू प्रिय
2122-2212-2221-1222
© कुन्दन कुमार कर्ण
तीर नैनक सोझे करेजा पर मारि निहारू प्रिय
2122-2212-2221-1222
© कुन्दन कुमार कर्ण
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें