लगाबऽ दाउ पर पड़ै परान बन्धु मनुष बनै तखन सफल महान बन्धु बड़ी कठिनसँ फूल बागमे खिलै छै गुलाब सन बनब कहाँ असान बन्धु जबाब ओकरासँ आइ धरि मिलल नै नयन सवाल केने छल उठान बन्धु हजार साल बीत गेल मौनतामे पढ़ब की आब बाइबल कुरान बन्धु लहास केर ढेरपर के ठाढ़ नै छै कते करब शरीर पर गुमान बन्धु 1212-1212-1212-2 © कुन्दन कुमार कर्ण
हे जया जगदम्बा जगतारिणी कि जय हो
भगवती कल्याणी भयनाशिनी कि जय हो
कष्ट मोचक कामाक्षी जग सुखस्वरुपा
दुर्गपारा देवी दुखहारिनी कि जय हो
सिंहपर अासित मैया मातृका भवानी
कामिनी व्रह्मा वरदायिनी कि जय हो
इन्द्र दुखमे पुजलक परमेश्वरी अहींके
देव रक्षक अजिता कात्यायिनी कि जय हो
नाम जपलापर भक्तक मृत्यु जाइ छै टरि
शैलपुत्री कालक संहारिनी कि जय हो
रहि हृदयमे कुन्दनपर नित करब करुणा
प्रार्थना अछि र्इ पशुपति भामिनी कि जय हो
212-222-2212-122
© कुन्दन कुमार कर्ण
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