लगाबऽ दाउ पर पड़ै परान बन्धु मनुष बनै तखन सफल महान बन्धु बड़ी कठिनसँ फूल बागमे खिलै छै गुलाब सन बनब कहाँ असान बन्धु जबाब ओकरासँ आइ धरि मिलल नै नयन सवाल केने छल उठान बन्धु हजार साल बीत गेल मौनतामे पढ़ब की आब बाइबल कुरान बन्धु लहास केर ढेरपर के ठाढ़ नै छै कते करब शरीर पर गुमान बन्धु 1212-1212-1212-2 © कुन्दन कुमार कर्ण
समुच्चा नगरमे मचल छै शोरभोलाकें बसहा लऽ गेलै चोर
शुभम नै जानल स्कंद नै बूझल
गौरी चकित भेलनि भोरे भोर
भोलाकें बसहा...................
ॠषि मुनि देवता चलल खोजीमे
ककरो नै भेटल टूटलो डोर
भोलाकें बसहा...................
भागि चोर लगसँ कैलाश एलै
बसहाकें भक्ति सेहो बेजोड़
भोलाकें बसहा...................
समुच्चा नगरमे मचल छै शोर
कैलाश पर बरलै फेर इजोर
गीत बाजै छै जेना मटिकोर
बसहा संग नाचै चिरै चकोर
222222222
© कुन्दन कुमार कर्ण
शुभम नै जानल स्कंद नै बूझल
गौरी चकित भेलनि भोरे भोर
भोलाकें बसहा...................
ॠषि मुनि देवता चलल खोजीमे
ककरो नै भेटल टूटलो डोर
भोलाकें बसहा...................
भागि चोर लगसँ कैलाश एलै
बसहाकें भक्ति सेहो बेजोड़
भोलाकें बसहा...................
समुच्चा नगरमे मचल छै शोर
कैलाश पर बरलै फेर इजोर
गीत बाजै छै जेना मटिकोर
बसहा संग नाचै चिरै चकोर
222222222
© कुन्दन कुमार कर्ण
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें