लगाबऽ दाउ पर पड़ै परान बन्धु मनुष बनै तखन सफल महान बन्धु बड़ी कठिनसँ फूल बागमे खिलै छै गुलाब सन बनब कहाँ असान बन्धु जबाब ओकरासँ आइ धरि मिलल नै नयन सवाल केने छल उठान बन्धु हजार साल बीत गेल मौनतामे पढ़ब की आब बाइबल कुरान बन्धु लहास केर ढेरपर के ठाढ़ नै छै कते करब शरीर पर गुमान बन्धु 1212-1212-1212-2 © कुन्दन कुमार कर्ण
अंग्रेजीमे एक टा कहबी छै "नथिङ इज न्यू अन्डर द सन" । अर्थात् सुरूजक निच्चामे किछु नव नै छै । मतलब वएह धरती, वएह अकाश, वएह सागर, वएह तरेगन, वएह चान, वएह अग्नि, वएह पवन इत्यादी । जमाना कतबो बदलि जाइ मुदा प्रकृतिक आधारभूत तत्व सभक मुख्य गुणमे कोनो परिवर्तन नै होइ छै । तथापि, प्रकृतिक तत्व सभक स्वरूपमे युग अनुसार जरूर परिवर्तन होइत रहै छै । एकरा प्रकृतिक परिष्कृत प्रस्तुतिक रूपमे सेहो बूझल जा सकै छै । तहिना संगीत आ साहित्यमे सेहो वएह प्रकृति, समाज आ मानव जीवनकें कथा आ व्यथाक चित्रण आदी कालसँ होइत आबि रहल छै । कहबाक अर्थ ई जे मूलभूत तत्व कायम राखैत प्रस्तुतिकरणमे नवकापन भेनाइ कलाक परिष्कृतरूप कहाइ छै । हे यै चन्ना गीतक कभर पोष्टर जखन मैथिली गीत संगीतक बात करी त खास क अधिकसँ अधिक गीत सभमे परम्परागत धून आ परम्परागते संगीत रहैत अछि । बहुत कमरास गीत एहन छै जैमे किछु नव प्रयोग भेल जकाँ बुझाइ छै । एहि नव प्रयोग मालामे अभिलाष ठाकुरकें लिखल आ हुनकहि कम्पोज रहल, प्रकाश झा आ शिवानी मिश्राद्वारा गाओल, प्रितेश पाण्डेकें संगीत संयोजन रहल आ प्रकाश झा एवम् प्रज्ञा कात्यायनकें अभिनय रहल "हे