लगाबऽ दाउ पर पड़ै परान बन्धु मनुष बनै तखन सफल महान बन्धु बड़ी कठिनसँ फूल बागमे खिलै छै गुलाब सन बनब कहाँ असान बन्धु जबाब ओकरासँ आइ धरि मिलल नै नयन सवाल केने छल उठान बन्धु हजार साल बीत गेल मौनतामे पढ़ब की आब बाइबल कुरान बन्धु लहास केर ढेरपर के ठाढ़ नै छै कते करब शरीर पर गुमान बन्धु 1212-1212-1212-2 © कुन्दन कुमार कर्ण
देखू लाठीयेक सब ठां शोर भेल छै
लोकतन्त्रेमे कलम कमजोर भेल छै
ककरा पर करतै भरोसा आमलोक सब
कुर्सी पबिते सैह देखू चोर भेल छै
बस्ती बस्ती छै चलल परिवर्तनक लहरि
आइ शोणित लोककें इन्होर भेल छै
एक टा सब्जी कते दिन खाइते रहत
नव सुआदक लेल लोकक जोर भेल छै
चान दिस ताकै गगनमे आब के कहू
दूरभाषे यन्त्र मनुषक खोर भेल छै
ऽ।ऽऽ - ऽ।ऽऽ - ऽ।ऽ - ।ऽ
© कुन्दन कुमार कर्ण
लोकतन्त्रेमे कलम कमजोर भेल छै
ककरा पर करतै भरोसा आमलोक सब
कुर्सी पबिते सैह देखू चोर भेल छै
बस्ती बस्ती छै चलल परिवर्तनक लहरि
आइ शोणित लोककें इन्होर भेल छै
एक टा सब्जी कते दिन खाइते रहत
नव सुआदक लेल लोकक जोर भेल छै
चान दिस ताकै गगनमे आब के कहू
दूरभाषे यन्त्र मनुषक खोर भेल छै
ऽ।ऽऽ - ऽ।ऽऽ - ऽ।ऽ - ।ऽ
© कुन्दन कुमार कर्ण
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